" उड़ान वालों उड़ानों पर वक़्त भारी है,
परो की नहीं अब हौसलों की बारी है।
मैं कतरा होके तूफानों से जंग लड़ता हूं ,
मुझे बचाना समंदर की जिम्मेदारी है।
कोई बताए उसके गुरुर- ए-बेजा को
वह जंग हमने लड़ी ही नहीं जो हारी है।
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत,
यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है।"
RTE 2009
देश की आजादी के समय जब संविधान का निर्माण हुआ तो तीन प्रकार की कार्यसूची आधारित की गई थी।
संघ सूची ,राज्य सूची ,समवर्ती सूची।
शिक्षा को राज्य सूची में विषय बनाया गया परंतु राज्यों के माध्यम से शिक्षा का प्रचार प्रसार ठीक से नहीं हो पाया तब 1976 ,42 वें संविधान संशोधन द्वारा शिक्षा को समवर्ती सूची में जोड़ा गया ।
12 दिसंबर 2002 में 86 वा संविधान संशोधन करवाया और शिक्षा को बालक का मौलिक अधिकार( स्वतंत्रता का अधिकार 19 से 22) बना दिया।
[अनु.18(क)] राज्य के 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराना (*86 वाँ संविधान संशोधन 2002)।
इसके लिए संविधान में अनुच्छेद 21a सृजित हुआ ।अभिभावक एवं सरकार के लिए अनुच्छेद 51A के उपबंध में इसे कर्तव्य घोषित किया गया।
वर्तमान आरटीई 2009 के लिए राज्यसभा में 20 जुलाई 2009 को तथा लोकसभा में 4 अगस्त 2009 में विधेयक पारित किया गया ।
उसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने 26 अगस्त 2009 को हस्ताक्षर किए।
27 अगस्त 2009 को गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ और 1 अप्रैल 2010 को आरटीई संपूर्ण देश में लागू हो गया (जम्मू कश्मीर को छोड़कर)।
इसके लागू होने के साथ भारत विश्व के 135 उन देशों में शामिल हो गया जहां शिक्षा का अधिकार लागू है ।
1 अप्रैल 2010 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे जम्मू कश्मीर के अलावा संपूर्ण देश में लागू कर दिया।
आरटीई 2009 की धारा 38 का लाभ लेते हुए तत्कालीन राजस्थान सरकार ने 29 मार्च 2011 को सीएम गहलोत के नेतृत्व में उसमें संशोधन किया और 1 अप्रैल 2011 से राजस्थान में संशोधित आरटीई " निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 "के नाम से लागू हुआ।
महत्वपूर्ण बातें :-
अनुच्छेद 21a मूल अधिकार ।
अनुच्छेद 51A k/11/ट मूल कर्तव्य।
अनुच्छेद45 3 से 6 वर्ष के बालकों की शिक्षा आंगनवाड़ी शब्द फ्राबैल के किन्डर गार्डन से लिया गया है जिसका अर्थ है बच्चों की फुलवारी ।
आरटीई के अंतर्गत विकलांग बालकों हेतु आयु वर्ग 6 से 18 वर्ष माना गया है ।
20 जुलाई 2009 आरटीई राज्यसभा द्वारा पारित।
4 अगस्त 2009 लोकसभा द्वारा पारित ।
26 अगस्त 2009 राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने हस्ताक्षर किए ।
27 अगस्त 2009 गजट नोटिफिकेशन जारी ।
1 अप्रैल 2010 आरटीई संपूर्ण देश में लागू (जम्मू कश्मीर को छोड़कर )।
आरटीई 2009:- कुल धारा 38, अध्याय 7 ,अनुसूची 1
RTE 2009
अध्याय 07
अध्याय 1 प्रारंभिक परिचय(धारा 1और 2) ।
अध्याय 2 निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान (धारा 3 और 4 )।
अध्याय 3 समुचित सरकार स्थानीय निकाय तथा अभिभावकों के कर्तव्य वर्णित हैं(धारा 5 से 11) ।
अध्याय 4 विद्यालय तथा शिक्षकों के कर्तव्य वर्णित हैं (धारा 12 से 28 )। सबसे बड़ा अध्याय ।
अध्याय 5 प्रारंभिक शिक्षा का पाठ्यक्रम तथा उसको पूरा किए जाने से संबंधित प्रावधान (धारा29-30)।
अध्याय 6 बालकों के अधिकारों के संरक्षण से संबंधित प्रावधान( धारा 31-34) ।
अध्याय 7 अन्य मुद्दे(धारा 35 से 38) ।
RTE 2009 धाराएँ
धारा 1 संक्षिप्त नाम एवं विस्तार :- निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा।
धारा 2 आरटीई के अंतर्गत प्रयुक्त शब्दावली:-
प्रारंभिक शिक्षा
बालक
अन्वेषण प्रक्रिया
वंचित वर्ग
स्थानीय निकाय
समुचित सरकार
दुर्बल वर्ग ।
धारा 3 प्रारंभिक शिक्षा ।
धारा 4 ड्रॉपआउट ।
धारा 5 स्थानांतरण प्रमाण पत्र ।
धारा 6 विद्यालय स्थापना /दूरी ।( धारा (6)six school Fix)
धारा 7 वित्तीय अनुपात ( धारा 7 केंद्र राज्य साथ साथ)
धारा 8 समुचित सरकार के कर्तव्य ।
धारा 9 स्थानीय निकायों के कर्तव्य वर्णित है ।
धारा 10 अभिभावकों के कर्तव्य ।
धारा 11 आंगनवाड़ी केंद्र ।
धारा 12 25% आरक्षण ।(12×2=24+1=25)
धारा 13 अनुवीक्षण प्रक्रिया ।
धारा 14 प्रवेश के समय जन्म प्रमाण पत्र । {धारा 14 कब 14}
धारा 15 30 सितंबर तक प्रवेश ।{15×2=30}
धारा 16 कोई भी फेल नहीं होगा ।
17 बालक को शारीरिक और मानसिक रूप से दंडित नहीं किया जाएगा। (धारा 17 बच्चा मस्त रह )
धारा 16 व 17 को बालकों का स्वर्ग कहा गया है।
धारा 18 बिना मान्यता विद्यालय चलाना प्रतिबंधित है उल्लंघन करने पर एक लाख का जुर्माना और निरंतर उल्लंघन करने पर प्रतिदिन 10000 ।
धारा 19 विद्यालय के जो मानक स्थापित हैं उन्हें 3 वर्ष पूरे करने होंगे ।
धारा 20 केंद्र सरकार अधिसूचना द्वारा किसी भी मानक में परिवर्तन कर सकेगी ।
धारा 21 एसएमसी प्रत्येक विद्यालय में कम से कम 15 सदस्य विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन अनिवार्य है 50% महिलाएं कम से कम ,75% अभिभावक , एससी एसटी के सदस्य छात्रों की संख्या के अनुपात में ,
बैठक:- एसएमसी की साधारण सभा की बैठक हर 3 महीने में एक बार तथा कार्यकारिणी सभा की बैठक हर माह अमावस्या के दिन बैठक अनिवार्य है , गणपूर्ति 33.33% तथा एसएमसी का कार्यकाल 2 वर्ष का होता है ।
वर्तमान में एसएमसी में 16 सदस्य होते हैं ।
प्रधानाध्यापक सचिव होता है तथा अभिभावकों में से अध्यक्ष बनाया जाता है ।
धारा 22 एसडीपी कार्यालय अवधि 3 वर्ष ।
धारा23 टेट ।
धारा 24 शिक्षकों के कर्तव्य :-
- नियमित रूप से विद्यालय जाना ।
- तय सीमा में बालक को पाठ्यक्रम पूरा करना।
- बच्चों के लर्निंग रिकॉर्ड्स रखना ।
- अभिभावकों से संपर्क में रहना ।
- बाल केंद्रित विधि से पठन करवाना।
- अध्यापन की सफलता का निरीक्षण करना ।
- छात्र की सर्वोत्कृष्ट उन्नति के लिए उचित मार्ग निश्चित करना।
धारा 25 विद्यार्थी शिक्षक अनुपात:- निर्धारित समय में पूरा करना होगा ।(अनुसूची 1 में वर्णित )
धारा 26 आरटीई के तहत किसी विद्यालय में शिक्षकों के 10% से अधिक पद रिक्त नहीं रखे जाएंगे
धारा 27 (30 में 3 कम इसलिए 3 काम )
1. शिक्षकों को जनगणना कार्यक्रम
2.आपदा राहत कार्य
3. स्थानीय निकायों के चुनाव कार्य में अतिरिक्त किसी भी अन्य कार्यों में सम्मिलित हेतु बाध्य नहीं किया जाएगा।
धारा 28 प्राइवेट ट्यूशन। (30 no आते ट्यूशन नहीं गया 2 no काट लिए )
धारा 29 प्रत्येक विद्यालय में CCE , पाठ्यक्रम का विकेंद्रीकरण किया जाए। यदि प्रारंभिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में कोई परिवर्तन किया गया है तो इसकी लिखित अधिसूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाई जाएगी तथा इन्हें प्रत्येक विद्यालय में पहुंचाया जाएगा ।
धारा 30 किसी विद्यार्थी को कक्षा 8 में बोर्ड एग्जाम में बैठने हेतु बाध्य नहीं किया जा सकता ।
धारा 31 बालकों के अधिकारों के संरक्षण हेतु एक बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया जाएगा ।
धारा 32 इस आयोग के अंतर्गत अभिभावक संरक्षक विद्यालय प्रबंध के व्यक्ति समाज के कोई भी व्यक्ति लिखित शिकायत दर्ज करवा सकता है।
धारा 33 केंद्र सरकार को शिक्षा सलाहकार परिषद का गठन करता है 15 सदस्य अध्यक्षता प्रधानमंत्री यह प्रक्रिया 3 वर्ष में एक बार की जाती है।
धारा 34 राज्य सरकार से संबंधित राज्य सलाहकार परिषद का गठन 15 सदस्य अध्यक्षता मुख्यमंत्री द्वारा की जाएगी ।
धारा 35 सरकार मार्गदर्शन सिद्धांत जारी करेगी।
धारा 36 धारा 13 ,18, 19 के दंडनीय अपराध के लिए अभियोजन मंजूरी।
धारा 37 SMC के खिलाप कोई वाद- विवाद कार्यवाही सम्बन्धी प्रक्रिया।
धारा 38 सरकार चाहे तो अपने निजी हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ संशोधन करवा सकती है (राजस्थान ने किया था)
अनुसूची 1
छात्र अनुपात शिक्षक :-
कक्षा 1 से 5 तक छात्र : शिक्षक
60 तक : 2 ( दो शिक्षक अनिवार्य )
61 -90 : 3
91 - 120 : 4
121 - 200 : 5
नोट :- छात्रों की संख्या 150 से अधिक होने पर एक प्रधानाध्यापक होगा , 200 से अधिक होने पर छात्र शिक्षक अनुपात 40 : 1 से अधिक नहीं हो सकता ।
प्रश्न:- 183 बच्चे हो तो छात्र अनुपात शिक्षक क्या होगा।
A.4 B.5 C.6 D.5+1
प्रधानाध्यापक को शिक्षकों में शामिल नहीं किया जाता है
कक्षा 6 से 8
छात्र : शिक्षक
35 : 1
छात्रों की संख्या 100 से अधिक होने पर एक प्रधानाध्यापक होगा तथा कम से कम शिक्षक निम्न में से प्रत्येक विषय का या प्रतिकक्षा होगा ।
1 भाषा 2 गणित व विज्ञान 3 सामाजिक विज्ञान।
एक शैक्षणिक सत्र में न्यूनतम
कार्य दिवस कार्य घन्टे
कक्षा 1 से 5 200 800
कक्षा 6 से 8 220 1000
प्रति सप्ताह 1 शिक्षक के न्यूनतम कार्य घंटे 45 होंगे जिनमें तैयारी के घंटे शामिल होंगे ।
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