गद्य के रूप/ विधाए :-
कहानी जीवनी
आत्मकथा यात्रावृतांत
रिपोर्टाज ऐकन्की
उपन्यास संस्मरण
निबंध नाटक
रेखाचित्र डायरी
1. कहानी शिक्षण :-
1 कहानी शिक्षण के उद्देश्य
2 छात्रों का मनोरंजन करना।
3 कल्पना शक्ति व सृजनात्मक शक्ति का विकास।
4 सामाजिक, नैतिक, चारित्रिक गुणों का विकास।
5 देश प्रेम की भावना विकसित करना।
6 महापुरुषों की जीवनियों से अवगत कराना ।
7 ऐतिहासिक पात्रों तथा एतिहासिक घटनाओं का बोध कराना।
8 शब्द भण्डार मे वृद्घि करना।
प्राथमिक स्तर पर कहानी शिक्षण की विधियाँ
1 चित्र विधि या देखो और कहो विधि
2 अभिनय विधि
उच्च प्राथमिक स्तर पर कहानी शिक्षण की विधियाँ
1 चित्र विधि
2 प्रश्नोत्तर विधि या खण्डानवय विधि
3 कक्षा अभिनय विधि
कहानी शिक्षण की विधियाँ
1)मौखिक कहानी कथन विधि/ व्याख्या विधि:-
कहानी का कथन जितना अधिक प्रभावकारी होगा बालकों को अधिगम उतने ही अच्छे ढंग से होगा । कथन करना भी अपने आप में एक कला है
प्राथमिक स्तर के बालकों के लिये ।
अध्यापक मौखिक रूप से कहानी सुनाता है।
छात्रों का मनोरंजन होता है।
अध्यापक सक्रिय छात्र निष्क्रिय श्रोता।
अमनोवैज्ञानिक विधि।
2) चित्र प्रदर्शन विधि:-
अध्यापक क्रम से एक एक चित्र दिखात है तथा चित्रों के माध्यम से बालकों से प्रश्न पूछता है। चित्र प्रदर्शन करके कहानी का अध्ययन करना।
खादी बोर्ड का प्रयोग करके।
प्राथमिक स्तर पर उपयोगी।
मनोवैज्ञानिक विधि है।
3) अधूरी कहानी पूर्ति विधि:-
अध्यापक अधूरी कहानी लाता है तथा छात्रों से पूरी करवाता है।
छात्र कल्पना के आधार पर पूरी करता है।
उच्च प्राथमिक तथा माध्यमिक स्तर पर उपयोगी।
4) वाचन विधि:-
जिन कहानियों की भाषा/ विषय वस्तु सरल हो।
उच्च प्राथमिक स्तर पर उपयोगी।
5)गहन अध्ययन विधि
जिन कहानियों की भाषा/ विषय वस्तु कठिन हो
माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर पर
6) कक्षा अभिनय विधि :-
यदि किसी कहानी में पात्र हैं तो अध्यापक बालकों से उन पात्रों का अभिनय करवाता है और पात्र नहीं है तो अध्यापक चेहरे की भाव भंगिमाओं के माध्यम से व हाथ के संकेतों के माध्यम से कहानी का अभिनय प्रस्तुत करता है।
खर्चीली विधि है।
मनोवैज्ञानिक विधि है।
प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्तर के लिए उपयोगी
7) प्रश्नोत्तर विधि या खण्डानवय विधि:-
इस विधि में अध्यापक प्रश्नों के माध्यम से छात्रों को कहानी सुनाता है।
मनोवैज्ञानिक विधि है।
उच्च प्राथमिक स्तर के लिए उपयोगी
8) वार्तालाप/ संवाद विधि:-
अमनोवैज्ञानिक विधि
इस विधि मे कहानी मे आने वाले पात्रों के बारे में व कहानी के बारे मे अध्यापक बालकों से वार्तालाप करता है।
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