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Saturday, August 5, 2023

शिक्षण विधि तथा प्रविधि में अंतर

 गणित शिक्षण विधियाँ (Methods of Mathematics Teaching)


  • शिक्षण अथवा अध्यापन विधियों का शिक्षा के उद्देश्यों से घनिष्ठ संबंध है। शिक्षण विधियों का उद्देश्य केवल बालकों को कुछ बातों का ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, बल्कि अध्यापक व बालकों के पारस्परिक संबंधों में सजीवता लाना है।

  • विधि (Method) शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा से हुई है। जिसका अर्थ है तरीका (Mode) अथवा रास्ता या मार्ग (Way)। इस प्रकार विधि से आशय "वैज्ञानिक ज्ञान तथा कुशलताओं को एक अध्यापक द्वारा अपने विद्यार्थियों तक पहुँचाने व हस्तान्तरित करने के मार्ग अथवा तरीके से है।"

  • ज्ञान के संसार की छात्रों के मस्तिष्क में व्याख्या करने की प्रक्रिया ही विधि कहलाती है।

  • ज्ञान के संसार में ज्ञान, अनुभव, रुचि, मनोवृत्ति, कौशल आदि समाहित होते हैं। अर्थात् ज्ञान के संसार में व्यवहार के तीनों पक्ष- संज्ञानात्मक, भावात्मक व मनो शारीरिक अथवा गत्यात्मक पक्ष सम्मिलित रहते हैं।


परिभाषा


  1. टेलीरण्ड- विधि शिक्षक की शिक्षक होती है।
  2. वोल्टेअर :- प्रत्येक विधि में कुछ अच्छाइयों होती है। कोई भी विधि पूर्णतया अच्छी नहीं होती।
  3. ब्रॉन्डी :- विदेशों अथवा विभिन्न गतिविधियों के क्रम की औपचारिक संरचना से है। विधि शब्द या पद में शिक्षण की प्रविधियाँ एवं युक्तियों दोनों ही सम्मिलित होती हैं।
  4. स्पेन्सर : यथासंभव बच्चों को कम से कम बताया जाए और अधिक से अधिक खोजने के लिए फुसलाया या लालापित किया जाना चाहिए। विधि (Method) :- वह प्रक्रिया जिसके द्वारा किसी लक्ष्य की प्राप्ति संभव है।


युक्तियाँ (Devices) प्रत्येक विधि के अंतर्गत युक्तियों का प्रयोग किया जाता है जैसे वर्णन करना, प्रश्न करना, प्रयोग प्रदर्शन आदि युक्तियाँ कहलाती हैं। ये युक्तियों सीखने की क्रिया में सहायता देती हैं। ये युक्तियाँ विधियों से भिन्न हैं, परंतु उनके अंतर्गत इनका प्रयोग किया जाता है तथा एक विधि के अंतर्गत कई युक्तियों का प्रयोग संभव है।


प्रविधि (Techniques) प्रविधि किसी युक्ति के अंतर्गत प्रयोग की जाती है। शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षक की वास्तविक क्रियाएँ ही प्रविधि हैं। यह किसी भी युक्ति को एक विशेष रूप देती हैं। उदाहरण- प्रश्न करना एक युक्ति है, परंतु प्रश्न किस प्रकार का हो, प्रश्नों की गति क्या हो, प्रश्न करने में शिक्षक के हाव-भाव कैसे हो, प्रश्नों का वितरण कैसा हो आदि सभी क्रियाएँ प्रविधि कहलाती हैं।

 निष्कर्ष रूप में कह सकते हैं कि विधि एक योजना है जिसके अंतर्गत युक्ति तथा युक्ति के अंतर्गत प्रविधियाँ आती हैं।



शिक्षण विधि तथा प्रविधि में अंतर 

  1. विधि का सीधा या प्रत्यक्ष संबंध शिक्षण के उद्देश्यों से होता हैं जबकि प्रविधि अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित होती है ।
  2. शिक्षण विधियां परंपरागत मानव संगठन पर आधारित होती है  जबकि प्रविधियां आधुनिक मानव संगठन सिद्धांत पर आधारित होती है
  3. शिक्षण विधियों में कैसे पर अधिक बल दिया जाता है जबकि प्रविधियों में किसके साथ पर अधिक बल दिया जाता है।
  4. विधियों में मैक्रो उपागम का अनुसरण किया जाता है जबकि प्रविधियों में सूक्ष्म उपागम का अनुसरण किया जाता है ।
  5. विधियां मनोवैज्ञानिक, सामाजिक , दार्शनिक , आर्थिक पहलुओं पर आधारित होती है जबकि प्रविधियों में तार्किक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर ही विशेष ध्यान दिया जाता है ।
  6. विधियों का मुख्य उद्देश्य प्रभावशाली शिक्षण करना होता है जबकि प्रविधियों का मुख्य उद्देश्य प्रभावी अधिगम परिस्थिति उत्पन्न करना होता है।
  7. शिक्षण विधियों में विभिन्न कार्य और उनके प्रस्तुतिकरण पर अधिक ध्यान दिया जाता है जबकि प्रविधियों में छात्रों के व्यवहार और संबंधों पर अधिक ध्यान दिया जाता है ।
  8. शिक्षण विधि के अंतर्गत शिक्षण की दिशा एवम् गति का निर्धारण किया जाता है जबकि प्रविधि शिक्षण में प्रयुक्त मुख्य विधि पर निर्भर करती है।

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