आरंभिक स्तर पर अधिगम को कार्य तथा अनुभव से जोड़ना।
कला शिक्षा हर स्तर पर एक विषय के रूप में लागू हो जिसमें कला के चारों पहलू नृत्य नाटक संगीत दृश्य कला में शामिल हो ।
शांति के लिए शिक्षा को शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल करना।
शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की अवधि बढ़ाना ताकि इंटरशिप के माध्यम से शिक्षा शास्त्र के सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप दिया जा सके ।
स्थानीय स्तर पर विद्यालय के कैलेंडर को लचीला बनाना।
मानचित्रकरण द्वारा उन इलाकों की पहचान करना जहां पर छात्र स्थानीय दक्ष कारीगरों से प्रशिक्षण प्राप्त कर सके।
ncf-2005 निर्मित वाद की अवधारणा को मान्यता देता है जिसके अनुसार बालक सक्रिय होकर स्वयं ज्ञान का निर्माण करता है तथा शिक्षक सुविधाप्रदाता सहजकर्ता की भूमिका निभाता है।
ncf-2005 की मान्यता है कि परीक्षा एच्छिक हो तथा प्रश्न पत्र में कम से कम 25% से 40% तक प्रश्न वस्तुनिष्ठ हों।
ncf-2005 का उद्देश आरंभिक पीढ़ी को धर्म,जाति,भाषा,लिंग,क्षेत्र अथवा शारीरिक क्षमताओं की चुनौतियों से रखते हुए शारीरिक व मानसिक प्रदान करते हुए शिक्षा उपलब्ध कराना है।
प्रोफेसर यशपाल सिंह के अनुसार विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों से प्रोजेक्ट वर्क करवाने पर बल दिया गया।
ncf-2005 करके सीखने से संबंधित है ।
ncf-2005 दो विशिष्ट सूत्रों का पालन करता है - ज्ञात से अज्ञात, मूर्त से अमूर्त।
ncf-2005 त्रिभाषा सूत्र का पालन करता है- हिंदी ,अंग्रेजी ,मातृभाषा ।
ncf-2005 शिक्षा के क्षेत्र में क्रियात्मक अनुसंधान पर बल देता है ।
ncf-2005 आत्मनिर्भर बनाने वाली जीवन उपयोगी शिक्षा पर बल देता है ।
ncf-2005 के अनुसार पाठ्यक्रम लचीला होना चाहिए जिसमें आवश्यकता अनुसार परिवर्तन किया जा सके ।
ncf-2005 कल्पनाशीलता तथा मौलिक लेखन कार्य को महत्वपूर्ण मानता है ।
ncf-2005 के द्वारा समावेशी शिक्षा की अवधारणा प्रस्तुत की गई ।
नवीन शिक्षण विधियों के प्रयोग पर बल
नवीन तकनीक के प्रयोग को मान्यता
पाठ्य सहगामी क्रियाओं की अनिवार्यता
बाल केंद्रितता को महत्वपूर्ण स्थान
छात्रों के सर्वांगीण विकास पर बल
शिक्षा को व्यवसायोन्मुखी बनाने का प्रयास
मानसिक स्तर एवं योग्यता के अनुसार पाठ्यक्रम का निर्धारण
परीक्षा प्रणाली में सुधार का आयोजन
निरंतर व व्यापक मूल्यांकन (CCE) की व्यवस्था
पाठ्यचर्या में पर्यावरण शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान
स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा को विद्यालय शिक्षा का अनिवार्य भाग बनाया जाए
ncf-2005 के अनुसार पाठ्यक्रम निर्माण के सिद्धांत :- बाल केंद्रित पाठ्यक्रम
उपयोगिता का सिद्धांत
लचीलापन का सिद्धांत
क्रियाशीलता का सिद्धांत
क्रमबद्धता का सिद्धांत
व्यापक एवं संतुलन का सिद्धांत
विभिन्न विषयों से सहसंबंध का सिद्धांत
विभिन्न स्तरों के अनुसार पाठ्यक्रम
मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों के अनुरूप पाठ्यक्रम।