एक असली आशिक कमीज और ऐनक पहन कर फातिमा नामक एक इंसान से मुहब्बत करता था।
उसके इश्क का अहसास अल्लाह और मीर को था
उसकी नजर और नीयत में ईबादत का इजहार था
उसकी उल्फत मे करीब करीब खयाल रहता था।
आशिक ने फ़ैसला किया कि महफ़िल में इजहार किया जाए।
इस दौरान फातिहा जो फातिमा की बहन थी को उसकी खबर लग गयी
उसने जिलेदार गरीब गालिब को गलत तरीके से खबर दी फातिमा को कुल्फी पसंद थी
यह मसला तहसील अदालत पहुचा और सियासी मसला बन गया इसमे सियासत होने लगी।
मुकदमे में हलवाई इकबाल उमराव कबीर कसाई खलासी मुनीम मुमताज मुसलमान आदि हाजिर हुए।
अदालत में कुरान रूपी किताब की कसम खा कर उसने अपना एलान कुबूल किया फातिमा के रमजान होने पर मना करने पर उसने औजार निकाल कर गुस्से में उसका क़त्ल कर दिया और उसका जनाजा जाहिल तरीके से बिगुल बजा कर तासीर कर दिया अब उसका जनाजा मुहर्रम की तरह मनाया जाता है।
बोल्ड शब्द अरबी भाषा के शब्द है इन्हे 2 3 बार कहानी की तरह पढ़े।
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