1. गणित की अपनी भाषा है। भाषा का अर्थ गणितीय अवधारणाओं, सूत्रों, सिद्धांतों और संकेतों से है, जो एक विशेष प्रकार के होते हैं और गति की भाषा को जन्म देते हैं।
2. गति में अंक, स्थान, दिशा और माप या माप का ज्ञान प्राप्त होता है।
3. नियम, सिद्धान्त, गति के सत्र सभी स्थानों पर एक समान होते हैं जिससे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर उनकी सत्यता का परीक्षण किया जा सकता है।
4. गणित के ज्ञान का आधार हमारी इन्द्रियाँ हैं। इसके ज्ञान का आधार निश्चित है जिससे इस पर विश्वास किया जा सकता है।
5. गति का ज्ञान वास्तविक, व्यवस्थित, तार्किक तथा अधिक स्पष्ट होता है, जिसे एक बार प्राप्त कर लेने पर उसमें आसानी से सुधार नहीं किया जा सकता।
6. गणित में अमूर्त अवधारणाओं को ठोस अवधारणाओं में परिवर्तित किया जाता है, साथ ही उनकी व्याख्या की जाती है।
7. इसमें प्रापर्टी में पाये गये माल के सम्बन्ध तथा संख्यात्मक निष्कर्ष निकाले जाते हैं।
8. इसके अध्ययन से प्रत्येक ज्ञान और सूचना स्पष्ट हो जाती है और उसका एक सम्भावित उत्तर निश्चित होता है।
9. इसके विभिन्न नियमों, सिद्धान्तों, अधिवेशनों आदि में किसी प्रकार की शंका की सम्भावना नहीं है।
10. गति के अध्ययन से आगमनात्मक, निगमनात्मक तथा सामान्यीकरण की क्षमता का विकास होता है।
11.गणित के अध्ययन से बालकों में आत्म-विश्वास एवं स्वावलंबन का विकास होता है।
12. गति की भाषा सुपरिभाषित, उपयुक्त और स्पष्ट होती है।
13. गणित के ज्ञान के साथ बच्चों में प्रशंसात्मक दृष्टिकोण और भावना का विकास होता है।
14. इसमें संख्याओं या सूचनाओं (संख्यात्मक) को आधार मानकर संख्यात्मक निष्कर्ष निकाले जाते हैं।
15. गति के ज्ञान का उपयोग विज्ञान की विभिन्न शाखाओं जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और अन्य विषयों के अध्ययन में किया जाता है।
16. गणित न केवल विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के अध्ययन में सहायक है, बल्कि यह उनकी प्रगति और संगठन का आधार है।
17. इससे बच्चों में स्वस्थ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है। उपर्युक्त कथनों के आधार पर हम गति की प्रकृति को समझ सकते हैं और यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि वास्तव में गति की संरचना, जो उसकी प्रकृति का आधार है, अन्य विषयों से अधिक प्रबल है।
रोजर बेकन ने ठीक ही कहा है कि गणित सभी विज्ञानों का प्रवेश द्वार और कुंजी है।
1. Ganit has its own language. The meaning of language is from mathematical concepts, formulas, principles and signs, which are of a special type and give birth to the language of motion.
2. Knowledge of numbers, place, direction and measurement or measurement is obtained in motion.
3. The rules, principles, sessions of motion are the same at all places so that their correctness can be tested at any time and at any place.
4. The basis of the knowledge of Ganit is our senses. The basis of its knowledge is certain from which it can be believed.
5. The knowledge of motion is real, systematic, logical and more clear, which cannot be easily improved by receiving it once.
6. In Ganit, abstract concepts are converted into concrete concepts, as well as they are explained.
7. In this, the relationship between the goods found in the property and numerical conclusions are drawn.
8. Every knowledge and information becomes clear from its study and its one possible answer is certain.
9. There is no possibility of doubt in its various rules, principles, sessions etc.
10. The study of movement develops the ability of inductive, deductive and generalization.
11. The study of Ganit develops self-confidence and self-reliance in children.
12. The language of motion is well defined, appropriate and clear.
13. Appreciative attitude and spirit develop in children with the knowledge of mathematics.
14. In this, numerical conclusions are drawn by considering numbers or information (numerical) as the basis.
15. Knowledge of motion is used in the study of various branches of science like physics, chemistry, biology and other subjects.
16. Mathematics is not only helpful in the study of various branches of science, but it is the basis of their progress and organization.
17. This develops healthy and scientific outlook in children. On the basis of the above statements, we can understand the nature of movement and can conclude that in fact the structure of movement, which is the foundation of its nature, is stronger than other subjects.
Roger Bacon has rightly said that mathamatics is the gateway and key to all the sciences.
Thnku so much sir
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