Showing posts with label विद्यार्थी. Show all posts
Showing posts with label विद्यार्थी. Show all posts

Sunday, August 2, 2020

शिक्षण प्रक्रिया


शिक्षण का अर्थ :- विद्यालयों में सीखने - सिखाने व पढ़ने - पढ़ाने की प्रक्रिया सामान्यत: शिक्षक द्वारा ही संपन्न की जाती है और इसे ही शिक्षण कहा जाता है।
शिक्षण एक सामाजिक प्रक्रिया है जिसमें शिक्षक सामाजिक परिवेश में पारस्परिक सहभागिता से अपने छात्रों तक अपने ज्ञान, कौशल, व्यवहार व दक्षताओं को पहचाने का कार्य करता है।

शिक्षा एक त्रिध्रुवीय , गत्यात्मक,अन्त: क्रियात्मक( दो या अधिक लोगो के मध्य )
व सोद्देश्य प्रक्रिया है जिसके 3 प्रमुख ध्रुव हैं।

1 शिक्षक 
2 शिक्षार्थी
3 पाठ्यक्रम।

उपरोक्त तीनों ध्रुवों के मध्य सम्बंध स्थापित करने की प्रक्रिया ही शिक्षण है।

तीनों पक्षों के मध्य सम्बंध स्थापित करने का कार्य शिक्षक अपने शिक्षण के माध्यम से करता है।
शिक्षण मे इन तीनो पक्षों का होना अति आवश्यक है।

शिक्षण का व्यापक व संकुचित अर्थ :-
शिक्षण का सर्वमान्य अर्थ बताना अत्यंत कठिन है। शिक्षा की भांति शिक्षण के ही दो अर्थ हैं- व्यापक अर्थ व संकुचित अर्थ।

शिक्षण का व्यापक अर्थ -
व्यापक अर्थ में शिक्षण मनुष्य के जीवन में निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
जिसके अन्तर्गत सभी व्यक्ति, वस्तुए, वातावरण, साधन , माध्यम व घटनाए व्यक्ति को जन्म से मरण तक कुछ न कुछ सिखाती है।
इस प्रकार के शिक्षण में औपचारिक व अनौपचारिक दौनों प्रकार के साधनों से व्यक्ति जीवन भर सीखता रहता है।

शिक्षण का संकुचित अर्थ
संकुचित अर्थ में बालकों को ज्ञान, सूचना,जानकारी व परामर्श देना ही शिक्षण है।
यह शिक्षण पूर्व नियोजित व नियंत्रित होता है तथा बालक को कुछ निश्चित वर्षों तक ही दिया जाता है और इसमे केवल औपचारिक साधनों का प्रयोग होता है।
उदाहरणार्थ विद्यालय व कक्षा-कक्ष में शिक्षार्थियों को प्रदान किया जाने वाला शिक्षण।

परिभाषा--
जेम्स एम थाइन __- " समस्त शिक्षण का अर्थ सीखने में वृद्धि करना है।"


उत्तम शिक्षण की विशेषताएँ:-
  1. इसमे सीखने वाला स्वं सीखने के लिये प्रेरित होता है।
  2. इसमे शिक्षण व छात्र दोनों का सहयोग होता है।
  3. यह प्रेरणात्मक और सर्जनात्मक होता है।


शिक्षण के प्रमुख उद्देश्य:-

  1. छात्रों में आत्मविश्वास की भावना विकसित करना।
  2. सामाजिक मूल्यों को बढ़ाना।
  3. छात्रों को क्रियाशील रखना
  4. छात्रों को अपने परिवेश के प्रति जागरूक बनाना।

शिक्षण मे प्रयुक्त प्रमुख क्रियाकलाप:-
  • प्रायोगिक कार्य करवाना।
  • शैक्षिक तथा मनोरंजनात्मक खेल खिलवाना।
  • वर्णन करना कथन कहना।
  • स्वाध्याय व विचार विमर्श के अवसर प्रदान करना।
  • बच्चो को समूह मे सीखने के लिये प्रेरित करना ।
  • बच्चो को करके सीखने के अवसर प्रदान करना ।


शिक्षण अधिगम सामग्री

शिक्षण अधिगम सामग्री :- शिक्षण सामग्री वे साधन है जिन्हें हम आंखों से देख सकते हैं कानों से उनसे संबंधित ध्वनि सुन सकते हैं वे प्रक्रियाएं ज...